Monday, September 3, 2012

दस्ताने लैला मजनू

लैला से प्यार करके मंजनू की किस्मत जाग गई,
गौर फरमाए लैला से करके प्यार 
मंजनू की किस्मत जाग गई,
मजनू ने लैला को इतने लव लेटर पोस्ट किए,
कि लैला उसे छोड़ पोस्टमॅन के साथ ही भाग गई !!


उस वक़्त तो मंजनू जार जार रोया,
घूमता था कपडे फाड़ के रहता था खोया खोया,
एक दिन पंहुचा वो लैला के ससुराल,
वहां जाकर उसने देखा पोस्टमन का था बुरा हाल,
देख पोस्टमन को बेहाल, मंजनू के खुल गए ज्ञान चक्षु !!


अता किया शुक्रिया खुदा का उसने,
ए खुदा तुने मुझे बाल बाल बचा लिया,
मेरी डूबती नैया को किनारे लगा दिया,
वर्ना मेरा भी होता यहीं मंज़र,
लैला तो है एक ख़ूनी खंज़र !!


वैसे ही लैला के प्यार में खाई बहुत ठोकर मैंने,
अब समझ आया यह प्यार क्या होता है,
न मिले तो दीवाना बना देता है,
लैला मंजनू का फ़साना बना देता है !!


गर मिल जाए दो दिन में दिखा देता यह कमाल,
और जीवन भर बस रह जाता है यहीं मलाल,
क्यों किया प्यार हमने किसी ने ठीक ही कहा है,
और भी गम है ज़माने में मोहब्बत के सिवा !!


सोच यहीं मंजनू के सर से उतर गया प्यार का भूत,
बोला अच्छा हुआ समय रहते खुल गए ज्ञान चक्षु,
और मैं गया इस माया मोह से छूट............किरण आर्य


No comments:

Post a Comment

शुक्रिया