Wednesday, September 16, 2015

बावरी जनता

मुझे इत्ती सी बात समझ न आती है ये अनाड़ी जनता मूढमति सी....... चाहे वो प्राकृतिक आपदा हो, मानव निर्मित आपदा हो या फिर उसकी अपनी परेशानी....जिसमे बेरोजगारी महंगाई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ सब निहित है......सभी आपदाओं के लिए मासूम नेताओं को काहे कटघरे में खड़ा कर देती है?......अब डेंगू का मच्छर उनसे पूछकर तो नहीं काटता न या उसके जन्म लेने में इनका कोई हाथ हो ऐसा भी नहीं......वो तो स्वत पैदा हो जाता है......और अस्पतालों में इत्ते मरीज है कि जगह नहीं अब उसके लिए भी नेता सरकार दोषी काहे भाई काहे ? कोई भी आमिर इंसान या नेता मरा अभी तक डेंगू या फ्लू से नहीं न, अरे बई ये उनकी सजगता और प्रीकाउसन का कमाल है......हर बात के लिए उन्हें संदेह दृष्टि से न देखे प्लीज, डेंगू मच्छर उनका रिश्तेदार नहीं है जी, या उनके प्रति उसका विशेष नेह अनुराग भी न है.......देश के उत्थान के लिए प्रधानमंत्री विदेशो के साथ अच्छे संबंध बनाने हेतु जुटे हुए पूरी कर्मठता से.....ऐसे में इन छोटी मोटी घरेलु विपदाओं के लिए उन्हें कसूरवार ठहरा उनका ध्यान भंग करना उनकी तपस्या में रूकावट की साजिश है.....अरे भैये वो दिन गए जब ये कहावत चरितार्थ होती थी कि पहले घर सबल होना चाहिए.....आज तो देश के चहुमुखी विकास के लिए ये आवश्यक है कि .....देश में चाहे रोज़ कितने ही बलात्कार हो रहे हो रोज कानून को ताक पर रखकर या सरकारी नौकरी की जगह ठेकेदारी प्रथा चलन में आ रही हो या प्याज की मार से आम आदमी जार जार रोये या डेंगू मलेरिया की वजह से आम जन मर रहा तिल तिल.....उसको दरकिनार कर बस विदेशो के साथ अच्छे संबंध स्थापित हो......कब खुलेगी जनता की आंखें कब नेताओं के सरकार के सुकर्मों को समझने की कूवत अता करेगा इन्हें ईश्वर जाने कब..........जनता की मंदबुद्धि और जाहिलपने पर अफ़सोस करती.........दिल्ली से खरी खरी के साथ खुराफाती किरण आर्य

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शुक्रिया