Friday, August 10, 2012

यदा जीवंत



मौत एक शाश्वत कटु सत्य,
एक अटूट मौनएक चरम पथ !!

डर उसके मौन अठहास का नही
वरन अपनो से बिछूड़ने का,
उनकी विरह वेदना और रुदन का !!

डर एक टूटन का बिखरन का,
अहसासो के मरने का बेबस चुभन का !!

लेकिन यह तो होना ही है एक दिन,
तो फिर क्यू ना दे सहर्ष स्वीकृति
जिए हसी खुशी बाकी बचे पल !!

हमारी आपेक्षाए है रोड़ा राह मे सबसे बड़ा
तो क्यू ना दे जाए कुछ यादे ऐसी जो मिटा दे तृष्णा सारी....!!

जब हम जाए तो चाहे आँखो मे हो आँसू यादो के हमारी
लेकिन होटो पर हो मुस्कान सबके प्यारी प्यारी.......,
हमारी जिंदादिली, हसी और अहसासो की यादे न्यारी !!

खाली हाथ आए इस जहाँ मे, खाली हाथ है जाना
बस रह जाएँगे यादो मे सुनहरी मुस्कान बनके,
तो फिर क्यू रहे उदास इस चुभन के साथ
और क्यू ना लुटाए प्यार और खुशी का ख़ज़ाना !!

5 comments:

  1. किरण जी सुंदर अभिव्यक्ति जीवन का अंतिम सच व साथ ही प्रेम का संदेश देती हुई ....

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    1. प्रति जी नमस्कार मन के भावो को दिशा देने का प्रयास है............शुभं

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  2. YE RACHA PADHKAR PATA CHALTA HAI...TUMHARE JEEWAN DARSHAN KE BAARE MEIN.....USKI GAHRAAI KE BAARE MEIN...TUMHARI KALPNA KE UDAAN KE BAARE MEIN...GOD BLESS U !!!!

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    1. विशाल भाई मेरे तुम्हारे शब्द मेरी उड़ान को गति देते है हमशा...........:))

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शुक्रिया